केवल कैप्सूल से नियंत्रित होगी शुगर – एम्स के प्रोफेसर रविकांत का दावा

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सेल का नैनो कैप्सूल तैयार किया गया है जिसे शरीर में प्रतिरोध किया जाएगा इसे लंबे समय तक शुगर कंट्रोल रहेगा तो मरीजों के बाहर से इसे इंसुलेशन के लिए प्रतिदिन टीका लगाना पड़ता था प्रयोगशाला में प्रशिक्षण के दौरान यह कारगर साबित हुआ है टाइप वन के शुगर में बिता शेर इंसुलेशन का उत्पादन नहीं कर पाती है!

जिससे मरीज को बाहर संश्लेषण देना पड़ता है वही टाइप टू शुगर में शुरुआत चरण में बिता शेर अत्यधिक कार्य करती है शरीर में मौजूद इंसुलेशन विरोध को ज्यादातर इंसुलेशन जरूरत होती है लेकिन बाद में बिता की सेल हानि होती है और शुगर लेवल बढ़ जाता है ऐसे समय में इस दवाई का काम करना बंद कर देती है तब मरीज को पहाड़ इंसुलेशन देनी पड़ती है 

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