PM Kisan 19th Installment:दिवाली के बाद इस दिन जारी होगी पीएम किसान योजना के 19 वि क़िस्त के 2000 रुपये मिलने की तारीख
PM Kisan 19th Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो देश के किसानों के जीवन को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। यह योजना वर्ष 2019 में प्रारंभ की गई और तब से निरंतर किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में योगदान दे रही है। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसका मुख्य लक्ष्य किसानों को कृषि कार्यों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस सहायता से किसान बीज, खाद और अन्य कृषि संसाधनों की खरीद कर सकते हैं।
19वीं किस्त की जानकारी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त फरवरी 2025 में जारी की जाएगी। यह किस्त भी पूर्व की भांति ₹2,000 की होगी। इस किस्त का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है और जो योजना की पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं।
पात्रता की शर्तें इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ विशेष मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। सबसे पहले, किसान को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसके पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए, जो 2 एकड़ या उससे कम होनी चाहिए। साथ ही, वह सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए और न ही उसे ₹10,000 से अधिक की पेंशन मिलनी चाहिए।
ई-केवाईसी प्रक्रिया योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। यह प्रक्रिया दो तरीकों से पूरी की जा सकती है। पहला, ऑनलाइन माध्यम से जहां किसान pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपना आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी के माध्यम से सत्यापन करा सकते हैं। दूसरा, यदि ऑनलाइन प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो किसान नजदीकी वसुधा केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन करा सकते हैं।
योजना के प्रमुख लाभ इस योजना से किसानों को कई प्रकार के लाभ मिल रहे हैं। सबसे पहला और महत्वपूर्ण लाभ है नियमित आर्थिक सहायता की प्राप्ति। इससे किसान अपनी खेती संबंधी आवश्यकताओं को समय पर पूरा कर पाते हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से राशि सीधे किसानों के खाते में पहुंचती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है।