Solar Storm : 6 साल में सबसे बड़ा सौर तूफान टकराया पृथ्‍वी से, अब क्‍या होगा? जानें

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सबसे पावरफुल सौर तूफान (Solar Storm) की चपेट में आ गया। इससे पृथ्‍वी के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में बड़ा डिस्‍टरबेंस पैदा हुआ। अब अमेरिका स्थित NOAA के स्‍पेस वेदर प्रीडिक्‍शन सेंटर ने अनुमान लगाया है कि पृथ्‍वी पर एक भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) आया है। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर यह जानकारी देते हुए NOAA ने बताया कि यह तूफान कमजोर है, पर एक्टिव है।  पोस्‍ट में कहा गया है कि G3 कैटिगरी (मॉडरेट) का भूचुंबकीय तूफान अभी भी एक्टिव है। इसकी वजह से पृथ्‍वी पर मामूली तूफान आ सकता है लेकिन जान-माल के नुकसान की संभावना नहीं है। स्‍पेस के मौसम का अनुमान लगाने वाले वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि सोलर फ्लेयर के विस्‍फोट से पृथ्‍वी पर रेडियो ट्रांसमिशन बाधित हो सकता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑरोरा नजर आ सकते

 

इस चेतावनी की खास बात है कि लोगों को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। 

 

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जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। 

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सोलर विंड या सौर हवाएं सूर्य से न‍िकलर हर दिशा में बहती हैं। यह सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड को अंतरिक्ष तक ले जाने में सहायक होती हैं। यह हवाएं पृथ्‍वी पर चलने वाली हवाओं की तुलना में बहुत कम घनी होती हैं, लेकिन इनमें बहुत तेज रफ्तार होती है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सौर हवाएं 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्‍यादा की रफ्तार से बहती हैं। यह इलेक्‍ट्रॉन और आयोनाइज्‍ड परमाणुओं से बनती हैं, जो सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड के साथ तालमेल बैठाते हैं। सौर हवाएं जहां तक बहती हैं, वह सीमा ‘हेलिओस्फीयर' बनाती है। यह सूर्य का सबसे प्रभावित करने वाला क्षेत्र होता है। 

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याद रहे कि हमारा सूर्य अपने सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इस वजह से सूर्य से ज्‍वालाएं निकल रही हैं और उनके असर से पृथ्‍वी पर सौर तूफान आ रहे हैं। यह सिलसिला साल 2025 तक चलते रहने की उम्‍मीद है।

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