Delhi Election: मुस्लिमों ने जमकर किया मतदान, फिर भी पिछले चुनाव के मुकाबले पिछड़े;

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लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की नजरें मुस्लिम मतदाताओं पर टिकी रहीं। आप और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारे लगनी शुरू हो गई थीं। बुजुर्गों से लेकर बुर्का पहने महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा था। 

2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार चुनाव में मुस्लिम इलाकों में मतदान कम हुआ। मतदान प्रतिशत में पिछड़ने की वजह गर्मी को माना जा रहा है। कम मतदान होने से किसको घाटा हुआ और किसको फायदा मिलेगा, यह चार जून को परिणाम आने पर पता चलेगा।

मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ जुटने लगी थी। हाल यह था कि केंद्रों के बाहर तक लाइनें लग रही थी। लोगों ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर मतदान की गति धीमी कराई गई है, इस कारण बहुत से लोग मतदान नहीं कर सके। चौहान बांगर में मतदान करने आए माजिद ने बताया कि वर्ष 2019 में उनका मतदान केंद्र गांधी हरिजन स्कूल होता था।

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यह स्कूल बन रहा है, ऐसे में चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र आर्यन पब्लिक स्कूल में स्थानांतरित कर दिया। यह स्कूल छोटा है, इसमें छह पोलिंग बूथ बनाए गए, जिसमें छह हजार मतदाताओं के वोट थे। मतदान धीमी गति से करवाया गया, जिस वजह से केंद्र के बाहर 500 से 700 मीटर तक लाइनें लगी रही।

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