ambedkar nagar local news : तीन बार विधायक बन भोगा मंत्री पद, कटेहरी ने धर्मराज को तीन बार दिया झटका… फिर पहनाया जीत का ताज
By Satish Kumar
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अंबेडकरनगर। धर्मराज निषाद के लिए कटेहरी विधानसभा सीट खुशी देने वाली रही है। यहां की जनता ने हमेशा इन्हें जीत का ताज पहनाया है। बसपा से चुनाव लड़ने पर यहां की जनता ने इन्हें तीन बार विधायक व मंत्री पद तक पहुंचाया है। आज जब वह भाजपा के टिकट पर जनता के बीच पहुंचे तो मतदाताओं ने निराश नहीं किया और विजय तिलक लगा दिया।
जनता ने दिलाया टिकट
चुनाव प्रचार में सबसे पीछे धर्मराज निषाद टिकट पाने में सबसे आगे निकल गए। इसमें भी जनता की भूमिका सबसे अहम रही। चुनावी टिकट की दौड़ में उनका कोई पैरोकार नहीं था, लेकिन धरातल पर जनता की पुकार को सुनकर संगठन ने धर्मराज को जनता के बीच भेज दिया।
भाग्य हुआ बलवान
सपा से कद्दावर नेता लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती से कांटे की चुनावी टक्कर में धर्मराज को जीत पाना कठिन था, लेकिन इस बार इनका भाग्य काफी बलवान दिखा। जनता के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी धर्मराज को जिताने में उतर आए।दोनों उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व एमएलसी डॉ. हरिओम पांडेय के अलावा विभिन्न मंत्रियों और विधायकों संग जातीय समीकरण को साधने में भाजपा के दिग्गज भी धर्मराज को समर्थन जुटाने में कमान संभाले थे।
चौथी बार विधायक बने धर्मराज निषाद को कटेहरी की जनता से अबकी बंपर वोटों से जिताकर पिछली विजय के मतों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पहली बार 5,764 वोटों तथा दूसरी बार 4,121 वोटों से जीते थे।
वहीं, तीसरी बार जीत का अंतर महज 240 वोटों का रहा था। इस बार जनता ने पिछले तीनों रिकॉर्ड तोड़ कर 33,828 वोटों से प्रचंड जीत दिलाई है।
जीत का सफर
धर्मराज निषाद अपना राजनैतिक सफर बसपा से शुरू किया था। उन्होंने पहली बार 1996 में बसपा के टिकट पर कटेहरी से विधानसभा का चुनाव लड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अनिल तिवारी को 5,764 वोटों से चुनाव हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे।बसपा ने इन्हें दूसरी बार 2002 के विधानसभा क्षेत्र कटेहरी से चुनावी मैदान में उतारा। तब सपा के पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय को 4,121 वोटों हराकर विजय हुए।
2007 के विधानसभा चुनाव तीसरी बार बसपा के टिकट पर उतरे धर्मराज निषाद की सपा के पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय से कांटे की टक्कर हुई थी। इसमें महज 240 वोटों से धर्मराज निषाद जीते थे। इस जीत से खुश बसपा प्रमुख मायावती ने इन्हें अपने कैबिनेट में मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया था।
धर्मराज को मिली जीत
वर्ष | मिले मत |
1996 | 53,212 |
2002 | 53,213 |
2007 | 47,689 |
2024 | 1,03,137 |
पराजय ने लौटाया घर
धर्मराज निषाद ने कटेहरी के अलावा बसपा एवं भाजपा के टिकट पर विभिन्न विधानसभाओं से चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी जगह पराजय का सामना करना पड़ा था। 2012 में बसपा के टिकट पर जौनपुर जिले की शाहगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन यहां सपा के ललई यादव से हार गए थे।बसपा के टिकट पर ही 2017 गोसाईगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के खब्बू तिवारी से हार का सामना करना पड़ा। समय बदला और 2018 में धर्मराज निषाद ने भाजपा का दामन थाम लिया।
2022 में भाजपा के टिकट पर अकबरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन सपा के रामअचल राजभर से पराजित होना पड़ा। ऐसे में धर्मराज को वापस घर वापस लौटना पड़ा।
धर्मराज निषाद ने फिर से अपनी परंपरागत सीट कटेहरी से चुनाव लड़ने के लिए चुना तथा पिछले पांच वर्ष से यहां अपना प्रचार-प्रसार कर राजनीतिक जमीन और जनाधार मजबूत कर रहे थे।