Hardoi News: सीएचसी में दर्द से तड़पती रही गर्भवती, पांच घंटे बाद स्टाफ नर्सों ने किया रेफर

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बिलग्राम। सीएचसी पर अगर मरीज का उपचार कराने आए तो आपको पहले तो घंटे इंतजार करना पड़ेगा। रविवार शाम प्रसव के लिए आई एक महिला पांच घंटे दर्द से तड़पती रही, तीमारदारों के आक्रोशित होने पर स्टाफ नर्सों से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

 

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बिलग्राम सीएचसी अव्यवस्थाओं के चलते खुद बीमार है। सीएचसी में न तो मरीजों के बैठने के लिए कोई समुचित स्थान हैं और न ही हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। यहां महिला चिकित्सक कभी-कभार आती है। स्टाफ नर्सों के भराेसे गर्भवतियों को रहना पड़ता है। रविवार की शाम ग्राम बैफरिया के राजबहादुर ने अपनी बहू विनीता को प्रसव के लिए सीएचसी लेकर आए।

 

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सीएचसी में माैजूद स्टाफ नर्सों ने पांच घंटे तक विनीता को बैठाकर हाथ लगाना जरूरी नहीं समझा,वह दर्द से तड़पती रही, जब स्टाफ नर्सों से कहा कि महिला अस्पताल रेफर कर दीजिए। उसके एक घंटे बाद रेफर किया। महिला अस्पताल में विनीता का सामान्य प्रसव हो गया। हालांकि, चिकित्सक ने नवजात की हालत गंभीर होने पर लखनऊ रेफर कर दिया। वह लोगों का कहना था कि अगर सीएचसी में समय पर प्रसव हो जाता ताे शायद बच्चे की तबीयत खराब नहीं होती।
भेटौली मजरा सहजना के मदनगोपाल ने बताया कि उसके पिता त्रियोगीनाथ के सीने में दर्द हो रहा था। सोमवार की सुबह वह सीएचसी लेकर गया। चिकित्सक ने पर्चे पर एक्स-रे लिखा। एक्स-रे कराने गया तो कर्मचारी न फिल्म न होना कहते हुए मोबाइल से एक्स-रे की फोटो खीचकर दिखाने की बात कही।

 

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एक चिकित्सक के सहारे 400 मरीज

सीएचसी में प्रतिदिन औसतन 350 से 400 मरीज परामर्श लेने आते हैंं। यहां केवल डा.रविकांत शर्मा के अलावा ओपीडी में कोई चिकित्सक नहीं है। महिला चिकित्सक से परामर्श लेने आई राधिका का कहना था कि महिला चिकित्सक कभी नहीं बैठतीं, हमेशा बिना परामर्श के बैरंग ही लौटना पड़ता है।
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